इसे भूरी धूसर मिट्टी या धूसर रेगिस्तानी मिट्टी कहते हैं।
2.
धूसर मिट्टी सा रंग और ऊपर से चमकीली तैलीय परत।
3.
धूसर मिट्टी पहले हल्की पीली और फिर गहरी लाल हो गई।
4.
कुछ बुझे उदास चेहरे, धूसर मिट्टी में सने पैरों के तलवे, रबर की चप्पलें और जंगल में सुनसन्नाटे में खोते पाते अकेले रास्ते ।
5.
नदियां, पहाड़, शहर, गांव सब एक ऊंचाई पर आने के बाद एकाकार हो गए और सब कुछ धुआं धुआं बादल बादल धूसर धूसर मिट्टी मिट्टी पानी पानी प्रकाश प्रकाश आसमान आसमान के रूप में दिखने लगा।
6.
तुम्हारे कंधों पर भोर की ओस के छींटे और मेरी पीठ पर चिपके हुए धूसर मिट्टी के दाग़ डूबते सितारों के बीच हमारा ढुलमुल ढुलमुल लुढ़कते जाना और लाल गोले-सा सूरज का सहसा उछलकर प्रकट हो जाना...
7.
नदियां, पहाड़, शहर, गांव सब एक ऊंचाई पर आने के बाद एकाकार हो गए और सब कुछ धुआं धुआं बादल बादल धूसर धूसर मिट्टी मिट्टी पानी पानी प्रकाश प्रकाश आसमान आसमान के रूप में दिखने लगा।
8.
चारों ओर पहाड़ों से घिरा गाँव, दूर-दूर तक फैली धान की हरी फसलें, नदी, जंगल, धूसर मिट्टी और सर के ऊपर फैला अनंत नीला आकाश और यही सब मै रामकुमार के चित्रों में भी देखता हूँ, संयोग से उनका बचपन भी पहाड़ों पर ही बीता, शिमला में.
9.
कवि अपने भीतर नदी, जंगल, मिट्टी, हवा का अनुभव करता है जो कविता में चले आते हैं-' मेरी जड़ों में / खेल का पानी है और चेहरे में / धूसर मिट्टी का ताप / मेरी हँसी में जंगल की चमक / सिर्फ इतना ही नहीं उसकी चेतना में जगरगुंडा (नक्सल प्रभावित गाँव) है और बदलता भयग्रस्त समय भी / ठहरे हुए समय में / यहाँ सुबह होती है / मुर्गा बाँग देता है जरूर / लेकिन जगरगुंडा की सड़कें थरथराती हैं / कि कब हाँका आ जाए अंदर से।